BREAKING विष्णुदेव साय को CM बनाना भाजपा की रणनीति: CG से 18 स्टेट के आदिवासियों को भाजपा ने दिया बड़ा संदेश, जानिए…!

समझिए… साय और आदिवासी सीटों का गणित
साय को छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनाया गया है। यहां की 11 में से लोकसभा की 4 सीट आदिवासियों के लिए आरक्षित है। छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में सर्वाधिक 6 लोकसभा सीट आदिवासियों के लिए आरक्षित है। ओडिशा और झारखंड में 5-5 एक और पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में 4 और तेलंगाना में 2 सीटे हैं। आदिवासियों के लिए आरिक्षत पड़ोसी राज्यों की ये सभी सीटें छत्तीसगढ़ की सीमा से लगी हुई हैं। साय को सीएम बनाए जाने का सीधा प्रभाव इन सीटों पर पड़ेगा। इसके साथ ही भाजपा इसके जरिये उन सीटों के आदिवासी वोटरों को भी प्रभावित करने का प्रयास करेगी।
समझिए… आदिवासी वोट बैंक का गणित
लोकसभा की कुल 543 सीटे हैं। इनमें 412 सामान्य, 84 अनुसूचित जाति और 47 अनुसूचित जनजाति के लिए आरिक्षत है। राजनीतिक जानकारों के अनुसार एसटी सीटों की संख्या भले ही 47 है, लेकिन 100 से ज्यादा लोकसभा सीटों पर आदिवासी वोटर प्रभावि भूमिका में हैं। मसलन छत्तीसगढ़ की केवल 4 सीटे आदिवासियों के लिए आरक्षित है, लेकिन बाकी 6 सीटों पर भी आदिवासियों का अच्छा प्रभाव है। रायपुर लोकसभा सीट सामान्य है। रायपुर संसदीय क्षेत्र में शामिल बिंद्रानवागढ़ और सिहावा विधानसभा सीट आदिवासी आरक्षित है। इसी तरह दुर्ग सीट भी सामान्य है, लेकिन वहां की डौंडी-लोहरा और मोहला-मानुपर आदिवासी आरक्षित विधानसभा सीट है। कोरबा संसदीय क्षेत्र में मरवाही आदिवासी आरक्षित सीट है। जानकारों के अनुसार यही स्थिति बाकी आदिवासी आबादी वाले राज्यों की भी है।
आदिवासी आरक्षित लोकसभा सीटों का विवरण
सीटों की संख्या राज्य
6 मध्य प्रदेश
5 ओडिशा व झारखंड
4 छत्तीगसढ़, महाराष्ट्र व गुजरात
3 राजस्थान
2 बंगाल, तेलंगाना, मेघालय, कर्नाटक व असम
1 लक्ष्यद्वीप, दादर-नगर हेवली, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर, आंध्रप्रदेश